दोस्तो कोरोना वायरस का दौर चल रहा है, घर से बाहर न निकलने ओर हाथ धोने की इनायत दी जा रही है, 2 महीने से मैं अपने घर मे ही कैद था, पेपर, दूध ओर काम करने वाले कोई नही आ रहे थे ओर यहा पे मेरी कोई गर्लफ्रैंड भी नही थी ,ऐसी मुश्किल घड़ी में में अकेले वक़्त गुजरना बहुत मुश्किल होता है,
मैन सोच लिया अब जो होगा देखा जाएगा मैं बाहर जाऊंगा, ही जाऊंगा,
तभी पुलिस वालों के सायरन की आवाज ने मेरे अंदर जागे हुए सेतान को फिर सोला दिया,
क्या करूँ कुछ समझ ही नही आता , मानो जिंदगी झंड हो गई हो, साला जाए तो कहा जाए और करे तो क्या करे,
मेरे पास ज्यादा पैसे भी नही थे और रासन भी खत्म हो चला था,
दिन तो मेरा काट जाता था लेकिन रात में थोड़ी मुश्किल होती थी, क्योकि मैं जहा रहता था वह पास में ही एक कब्रिस्तान है जहाँ पे कोरोना मर्जिजो को अन्तिमसंस्कार किया जा रहा था,
एक तो कोरोना का डर ऊपर से यह पास में कब्रिस्तान होना, ऐसे में कैसे किसी की रात गुजरेगी भला,
मेरी खिड़की के पास से में हर रोज डेड बॉडी ले जाते हुए देखता , इस तरह से लोगो को मारता देख दिल दुखता है,
रात के 9 बज रहे थे,
मैं सोने की कोशिश कर रहा था तभी अचानक मुझे गाड़ी की आवाज सुनाई दी, मैं समझ गया किसी की डेडबॉडी ले के जा रहे होंगे,
मैंने धीरे से खिड़की खोल के देखना चाहता था , लेकिन इतनी रात को मेरी हिमत जवाब दे गई, समझ नही आया कि देखु की नही,
जैसे ही मैन खिड़की का दरवाजा खोला , तभी अचानक मेरे दरवाजे की डोरबेल बजी,
मैं बहुत डरा हुआ था,
इतनी रात में कोन होगा, मैं दरवाजा खोलने में डर रहा था, बेल बजे जा रही थी,
बहुत हिमत करके मैन दरवाजा खोला,
जैसे ही दरवाजा खोला तो देखा सामने एक लड़की खड़ी थी, मेरी धड़कन बहुत तेज हो चुकी थी,
समझ नही आ रहा था कि इतनी रात में ये लड़की कौन थी, मेरे दरवाजे पर,
मैन उससे पूछा कि आप कोन हो और इतनी रात क्या काम है , वो कुछ नही बोली,
मुझे समझ नही आ रहा था की आखिर पूरा शहर सील था हर जगह कर्फ्यु लगा है और लड़की मेरे घर कहा से आ गई,
वो लड़की मुझे बहुत ध्यान से देख रही थी और देखते देखते रोने लगी,
मुझसे रहा नही गया मैने उसे अंदर आने को कहा
वो अंदर आई और सामने बेठ गई , वो मुझसे बोली कि मैं यह पे फस गई हूं ,
मै अपने घर जा रही थी लेकिन यहा पे मेरा कोई पहचान का नही है, ओर मेरा घर यहा से 3 घंटे पुरानी चौपाल के पास है, जैसे ही मैं आपके शहर में आई तो यह पे सभी जगह बस , गाड़ी बन्द हो गई और अब मैं घर कैसे जाऊ, इसकिये प्राइवेट गाड़ी से ही निकाल गई अपने घर के लिए,
रास्ते गाड़ी खराब हो गई , फिर मैं पेदल चलने लगी काफी दूर आने के बाद , मुझसे ओर चला नही गया मैन आपकी खिड़की से रोशनी अति देखी तो सोचा आपके यह मुझे कोई मदद मिल जाएगी,
क्या मैं यह पे रुक सकती हूं,
मैं समझ नही पा रहा था कि मैं क्या बोलू,
एक तो उसका मासूम चहरा ओर उसका भोला पैन देख के मन बोलता है कि इसे रुकने दु, फिर कभी मैन बोलता है कि नही बाहर कोरोना है इसे रुकने दिया तो मुझे मुसीबत जो जायेगो,
लेकिने अब मेरे अकेले पन ने जवाब दे दिया थ मैन उसे रुकने को कह दिया,
वो बहुत खुश हुए लेकिन वो,
उसने कहा कि क्या मैं आपका किचन यूज़ कर सकती हूं, चाय बनाने के लिए
मैं अब क्या मना करता, मैन उसे चाय के लिए किचन दिखाया,
मैं बाहर बेठ गया चाय का इंतजार करते हुए,
मेरा मन बहुत वयकुल था, उस लड़की के घर मे आने से, ऐसा लग रहा था कि शायद भगवान ने मेरे इस अकेलेपन को दूर करने के लिए मेरी मदद कर दी,
तभी वो लड़की मेरे लिए चाय ले के आई, हम दोनों आमने सामने बेठ गए, ओर चाय पीने लगे,
वो बहुत ही ज्यादा सहमी ओर चुप थी,
मैन उससे उसके बारे में पूछा, उसने कहा मेरा नाम रिया है, ओर मुझे कोरोना हुआ है,
जैसे ही मैन सुना कि उसे कोरोना है मैं घबरा गया और मेरे हाथ से चाय का कप गिर गया
वो बोली, देखिए मैं जानती हूं कि मुझे कोरोना है और इसका इलाज अभी नही है और मैं कुछ दिन में मार जाऊंगी, शायद मेरी लाइफ में ये ही लिखा है, लेकिन मारने से पहले मैं अपने माँ बाबा को देखना चाहती हू,
मैं दिल्ली में जॉब में थी, वहां पे जैसे ही कोरोना की बीमारी फैल रही थी, तभी मैं दिल्ली छोर के अपने घर के लिये प्राइवेट गाड़ी से निकल गई, घर मे मेरी माँ और बाबा बस है, ओर मैं एकलौती हु,
मैं अगर वह पे रहती तो शायद अपने माँ बाबा को भी नही देख पाती, इसलिए मैं वह से निकल गई,
मेरी मदद कीजिये , मैं आपका एहसान कभी नही भूलूंगी, मुझे मेरे माँ बाबा एक बार मिला दीजिये
वो बहुत रोने लगी , उसके चहेरे का भोलापन देख के मेरा दिल पसीज आया, मैन कोरोना की परवा नही की ओर उसकी मदद करने की सोची,
तभी अचानक से फिर से गाड़ी की बहुत तेज आवाज आई और उसी खिड़की से एक रोशनी सी चमक रही थी , तभी अचानक मेरी नींद खुल गई और मैं जैसे ही उठा तो देखा वो लड़की वह नही थी, मैं समझ गया शायद ये कोई मेरा सपना था,
तभी वो खिड़की से अचानक रोशनी आना बंद ही नही हो रही थी, मैं समझ गया शायद कोई इंसान कोरोना से मारा है उसे ही लाये होंगे, अभी 9 बज रहे थे , मैं हिमत कर के खिड़की के पास गया , जैसे ही खिड़की खोल के देखा तो वह शव वाहन खड़ा था, तभी मेरा मन नही मना ओर मैं नीचे चला गया,
नीचे गया तो उस शव वाहन के पास गया , तो देखा वह पे कोई भी नही था, शायद उसके ड्राइवर चाय पीने के लिए गया होगा,
मुझसे रहा नही गया मैन पीछे का दरवाजा खोला,
तो देखा उसमे एक लड़की की डेड बॉडी थी,
जैसे ही मैं उसके पास गया तो मैं उसका चहेरा देख के हका बका हो गया,
वो लड़की कोई और नही वो मेरे सपने में आई हुई लड़की थी,
तभी मैं बाहर निकला तो ड्राइवर आ गया वो मुझे डांटने लगा , अरे तुम्हे समझ नही आता कोरोना है और तुम कहा खड़े हो,
मैन पूछा कि इसकी मौत कब हुए और उसके ये कोन है,
ड्राइवर बोला , इसका नाम रिया है
ये दिल्ली से प्राइवेट गाड़ी में चुपचाप इस शहर तक आई थी, लेकिन तभी रास्ते मे इसका सड़क हादसे में इसकी गाड़ी पलट गई और ये वही गिर गई ,
कुछ देर बाद इसे हॉस्पिटल लाया गया तो पता चला कि इस कोरोना पॉजिटिव है,
डॉक्टर ने इसे यही के हॉस्पिटल में कोरोटीज़
रख के इसका इलाज किया, लेकिन ये अपनी जिंदगी से हार गई और मरने से पहले अपने माँ बाप को याद करती रही,
अब दिकत ये है कि ये की इसके बारे में कुछ भी नही पता है कि ये कहा कि हे और कोरोना मरीज है तो इसे ज्यादा टाइम रख भी नही सकते, इसकिये हम इसका आज ही अंतिसंस्कार कर देंगे,
मैं सब समझ गया था और वो मेरा सपना नही हकीकत थी,
अब मुझे जैसा उसने कहा था वो करना था, ताकि उसकी आत्मा को शांति मिल जाये,
मैं ड्राइवर को बोला ,
ड्राइवर भाई साहब मैं इस लड़की को जनता हु , मैं इसका दोस्त हु, कृपया आप इसका अंतिसंस्कार न करे, मैं इसके घर वालो को ले आता हूं
ये लावारिस नही है
ड्राइवर बोला मैं कल सुबह तक रुक सकता हु ,बस उससे ज्यादा हमको आर्डर नही है
आप जल्दी से जा के इसके घर वालो को ले आओ
वो लोग मेरे बिनती करके मन गये,
ओर डेडबॉडी को वापस हॉस्पिटल ले गए और मर्चुरियुम में रख दिया,
मैं उस लड़की के सपने में बताए हुए पाते पे गया वहां पे उसके माँ बाप को उसके बारे में बताया
उसके मा बाप फुट फुट के रोने लगे,
फिर दूसरे दिन उन्होंने उसे हॉस्पिटल में जा कर देखा, ओर फिर उसका अच्छे से अन्तिमसंस्कार किया गया
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