vaisnu devi

वैष्णो देवी धाम
दोस्तों माता रानी के दरबार में हर कोई जानना चाहता है वैष्णो देवी भी एक ऐसा ही धाम है जहां पर लोग जाना चाहते हैं नवरात्रि हो या फिर कोई भी माताजी का त्यौहार हो लोग स्वेच्छा से वहां पहुंच जाते हैं कुछ लोगों का कहना है कि माताजी ने खुद बुलाती हैं आज मैं आपको बता रहा हूं कि वैष्णो देवी कैसे जाएं


वैष्णो देवी को त्रिकूटा अंबे वैष्णवी माता रानी के नाम से भी बुलाया जाता है, माता वैष्णो देवी का मंदिर कटरा के बेस कैंप से 13 किलोमीटर की दूरी पर है,

वैष्णो देवी की यात्रा कैसे जाएं
दोस्तों अगर आप वैष्णो देवी जाना चाहते हैं तो सबसे पहले आपको दिल्ली पहुंचना होगा दिल्ली से आपको कटरा के लिए बस मिल जाएगी बस से आप माता रानी के दरबार में पहुंच सकते हैं

वैष्णो देवी जाने के लिए आपको मिलता हेलीकॉप्टर
यात्रा को सुविधाजनक बनाने के लिए उधमपुर से कटरा तक एक रेल संपर्क बनाया गया है

माता वैष्णो देवी जी के दरबार में जाने के लिए आपको हेलीकॉप्टर की सुविधा भी उपलब्ध है और खच्चर की सुविधा भी उपलब्ध है साथ ही साथ वहां पर आपको लोग पालकी में भी ले जाते हैं जिसका आपको कुछ चार्जेस पेट करना होता है इस सुविधा से वह लोग भी जा सकते हैं जो लोग ऊपर चढ़ाई नहीं कर सकते हैं


Vashnu devi ke bare me
वैष्णो देवी मंदिर शक्ति को समर्पित एक पवित्र हिंदू मंदिर है जो भारत के जम्मू और कश्मीर में वैष्णो देवी की पहाड़ी पर स्थित है बहुत से श्रद्धालु मां के दर्शन के लिए देश के कोने-कोने से आते हैं और ज्यादातर उन में से ऐसे भक्त होते हैं जो माता वैष्णो देवी की गुफा के रहस्य को नहीं जानते भक्तों की लंबी कतार के कारण श्रद्धालुओं को पवित्र गुफा के दर्शन करने का काफी कम समय मिलता है आज हम आपको इस गुफा की सबसे हैरान कर देने वाले रहस्य को बताएंगे जिसे सुनकर आपके मन में भी मां वैष्णो देवी की यात्रा की इच्छा जागी

मां वैष्णो देवी की गुफा से जुड़े रहस्य के बारे में जितना महत्व यहां के वैष्णो देवी का है उतना ही महत्व माता की गुफा का है मां वैष्णो देवी के दर्शन के लिए उनकी कई प्राचीन गुफा से होकर गुजरना पड़ता है कहा जाता है कि माता की यह गुफा बहुत ही अद्भुत रहस्य से भरी पड़ी है भगवान विष्णु के अंश से उत्पन्न मां वैष्णो का एक आने नाम देवी त्रिकुटा भी है देवी त्रिकुटा के निवास के कारण माता का निवास स्थान त्रिकूट पर्वत कहा जाता है माता वैष्णो देवी के दर्शन के लिए वर्तमान में जिस रास्ते का इस्तेमाल किया जाता है वह गुफा में प्रवेश का प्राकृतिक रास्ता नहीं है श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए का निर्माण 1977 में किया गया वर्तमान में इसी रास्ते से श्रद्धालु आते हैं किस्मत वाले भक्तों को प्राचीन गुफा से माता के भवन में प्रवेश का सौभाग्य मिल जाता है

दर्शन नियम यह है कि log 10,000 se कम से कम होते हैं तब प्राचीन गुफा का द्वार खोल दिया जाता है आमतौर पर ऐसा शीतकाल में दिसंबर और जनवरी के महीने में होता है

पवित्र गुफा में प्रवेश और निकास के लिए बनाया गया है इस गुफा में बना हुआ है माता का आसन है

वैष्णो देवी के दरबार में प्राचीन गुफा का काफी महत्व है, ऐसी मान्यता है कि इस प्राचीन गुफा के समक्ष भैरव का शरीर मौजूद है
और यहीं पर भैरव नाथ का सर कटा था और सर घाटी में गिर गया था और शरीर यहीं पर है

भैरवनाथ का वध करने पर उसका sir 3 किलोमीटर दूर स्थान पर गिरा था

आज शाम को Bherawnath के मंदिर के नाम से जाना जाता है कहा जाता है

सर कटने के बाद जब भैरवनाथ ने मां से क्षमादान की भीख मांगी तब माता वैष्णो देवी भैरवनाथ को वरदान देते हुए कहा कि
मेरी यात्रा या मेरा दर्शन तब तक पूरी नहीं माने जाएंगे जब तक मेरे बाद तुम्हारे दर्शन नहीं करेगा इस प्राचीन गुफा का महत्व और भी है
क्योंकि इसने पवित्र गंगा जल प्रवाहित होता रहता है


दोस्तों जब माता वैष्णो देवी को पकड़ने के लिए भैरवनाथ उनके पीछे आए तब माता वैष्णो देवी एक गुफा में छुप गई गुफा में जाने से पहले माता ने वहां पर हनुमान जी को प्रकट किया और हनुमान जी से कहा कि हनुमान जी जब तक मैं गुफा में विराम कर रही हूं आराम कर रही हूं तब तक आप भैरवनाथ को अंदर न आने दें या उसके साथ उसको अपनी बातों में उलझा रखें 9 दिन तक हनुमान जी ने भैरवनाथ को अंदर नहीं आने दिया और अपनी बातों में उलझा रखा लेकिन उसके पहले हनुमान जी ने वैष्णो देवी माता से कहा था कि माता इन 9 दिनों में मुझे अगर प्यास लगेगी तो मैं क्या करूंगा तब माता ने उनके लिए वहां पर जमीन में एक बाण चलाया बाण चलाने से जमीन पर से पानी निकलने लगा और वही पानी दोस्तों आज
बाढ़ गंगा के नाम से जाना जाता है

गर्भ जून गुफा
यह भी एक ऐसी गुफा है जहां पर माताजी रुकी थी जिससे गर्भ जून के नाम से जाना जाता है,
माता यहां 9 महीने तक उसी प्रकार में रही थी जिस प्रकार एक शिशु माता के गर्भ में 9 महीने तक रहता है इसीलिए यह गुफा गर्भ जून कहलाता है इस गर्भ जून की गुफा के बारे में कहा जाता है कि अगर कोई मनुष्य इस गुफा में जाता है तो फिर उसे दोबारा मां के गर्भ में नहीं आना पड़ता अर्थात मृत्यु के बाद उसे मोक्ष मिल जाता है और अगर उसे किन्ही कारणों से गर्भ में आना पड़ा तो उसका जीवन बहुत ही सुख में बीता है 

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